आपके मोबाइल और कम्प्यूटर में भी है सोना | क्यों होता है Mobile me Gold ?

Mobile me gold
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क्यों होता है Mobile me Gold ? 

आजकल के दौर में जहा इंसानो से ज्यादा मोबाइल और कंप्यूटर मौजूद है इस दुनिया में। पुराना होने पर हर कोई अपना मोबाइल ये तो कबाड़ी में दे देता है या फिर उसे संभाल कर किसी स्टोर रूम में रख देता है। 
ऐसे में ये जानकार आश्चर्य तो होता ही है की जिस फ़ोन को हमने फेक दिया उसमे सोना था। तो चलिए जानते हैं कि Mobile me Gold लगाने की ऐसी भी जरुरत पढ गयी ?  

आपके मोबाइल और कम्प्यूटर में भी है सोना । 

एक्सपर्ट और टेक्नीसियंस की मानें तो कम्प्यूटर और मोबाइल के कई पार्ट्स को सोने से कोट किया जाता है। इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस जिनमे मोबाइल-कम्प्यूटर भी शामिल है, इनके प्रोसेसर की छोटी-छोटी पिन बनाने के लिए या उसे प्रोसेसर से जोड़ने के लिए सोने (Gold) का उपयोग होता है। आप सोचेंगे की गोल्ड जैसे मेहेंगे धातु का ही इस्तेमाल क्यों। 

बात अगर सुचालक / Conductivity (बिजली को प्रवाह करने की छमता) की हो तो, बिजली के सबसे अच्छा सुचालक सिल्वर या चांदी होता है।  उसके बाद नंबर आता है Copper / तांबा का और अंतिम में आता है अपना सोना बाबू। कम्प्यूटर के मदरबोर्ड, प्रोसेसर के साथ अन्य कार्ड्स में भी गोल्ड का इस्तेमाल किया जाता है। यह इसलिए क्योकि  -

कम जगह में लाखो कंपोनेंट को को जोड़ने के लिए गोल्ड ही सबसे उपयुक्त है। ज्वैलरी बनाने और पहनने वालो की माने तो गोल्ड पर आसानी से स्क्रैच नहीं आते । ये भी कि इसकी सुचालकता बाकी की तुलना में 70% है । लेकिन रेसिस्टेंस (Resistance) के मामले में बहुत कम है, लगभग 0 % ही है । रेसिस्टेन्स कम होने की वजह से ट्रांसमिशन (Transmission) लॉस नहीं के बराबर होता है । अतः " सोना " इस्तेमाल के दौरान कम गर्म होता है, और इससे मोबाइल की गुणवत्ता बढ़ जाती है। 

कंप्यूटर के सीपीयू में भी सोना मौजूद होता है। इसका इस्तेमाल ट्रांसमीटर, पिनों और सर्किट बोर्ड में किया जाता है ।  कंप्यूटर में लगाई जाने वाली इंटेल ( Intel ), आईबीएम ( IBM ), एचपी ( HP ) आदि की प्रोसेसिंग चिप में भी आपको सोना देखने को मिलेगा ।

कारण यह है कि अगर हम सोने की जगह चांदी या कॉपर लगा दे तो यह हवा के संपर्क में आएगा और इसमें ऑक्सीकरण की वजह से कारबन ( Carbon ) बनने लगता है, जो कि प्रोसेसर ( Processor ) को जल्दी ख़राब कर सकता है। और प्रोसेसर की आयु भी कम हो जाती है । 

अगली बार जब भी आप ऐसी चिप या पुराना मोबाइल ही क्यों न हो, उसे फेकिये मत। आपको जान कर हैरानी होगी बहुत से लोग बिगड़े और पुराने मोबाइल को इखट्टा करते हैं और उससे सोना निकालते है। उनकी पूरी जीविका के ये एक बहुत जरुरी काम है।  


दोस्तों मुझे उम्मीद है अब से आपका नजरिया इन इलेक्ट्रॉनिक उपकरण के प्रति बदला होगा। और साथ ही अगर ये Mobile me Gold होने की जानकारी आपके अच्छी लगी तो अपने दोस्तों को भी शेयर करे एवं इस पोस्ट में अगर कोई सुधार या सुझाव हो तो नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताये।  

धन्यवाद। 

FAQ / सामान्य प्रश्न

How much gold is used in electronics / इलेक्ट्रॉनिक्स में कितना सोना इस्तेमाल होता है?

दुनिया भर में उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग द्वारा हर साल लगभग 1,500 टन सोने की खपत होती है। यह आज की कीमतों पर 50 मिलियन ट्रॉय औंस या 75 बिलियन डॉलर मूल्य का सोना है।

How much gold is recovered from recycled electronics / पुनर्नवीनीकरण इलेक्ट्रॉनिक्स से कितना सोना बरामद किया जाता है?

2015 में, लगभग 70 मिलियन ट्रॉय औंस (2,200 टन) सोना पुनर्नवीनीकरण के जीवन के अंत के इलेक्ट्रॉनिक्स से बरामद किया गया था। यह राशि हर साल इलेक्ट्रॉनिक्स में इस्तेमाल होने वाले कुल सोने का लगभग 40% प्रतिनिधित्व करती है

Is it true that there's gold in electronic scrap / क्या यह सच है कि इलेक्ट्रॉनिक स्क्रैप में सोना होता है?

हां। वास्तव में, इलेक्ट्रॉनिक स्क्रैप में संयुक्त राज्य अमेरिका में अयस्क से निकाले गए सोने की तुलना में 40 गुना अधिक सोना होता है।

How does that work / वह कैसे काम करता है?

सोने का उपयोग इलेक्ट्रॉनिक्स पर इसके उत्कृष्ट प्रवाहकीय गुणों और इसकी दृश्य अपील के लिए किया जाता है। सोना भी एक "महान" धातु है, जिसका अर्थ है कि यह ऑक्सीकरण और जंग का प्रतिरोध करता है। सोने के अलावा, अन्य कीमती धातुओं जैसे चांदी, पैलेडियम और प्लैटिनम का भी इलेक्ट्रॉनिक्स घटकों पर उपयोग किया जाता है।

What types of electronics scrap contain gold / किस प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक स्क्रैप में सोना होता है?

लगभग सभी इलेक्ट्रॉनिक्स में कुछ प्रकार के कंप्यूटर चिप्स जैसे सीपीयू के अपवाद के साथ कुछ छोटी मात्रा में सोना होता है। अधिकांश सर्किट बोर्डों में सोने की कम से कम मात्रा होती है। 

मात्रा को अक्सर ग्राम या औंस प्रति टन कचरे में मापा जाता है, जिसे "ग्रेड" कहा जाता है। ग्रेड जितना अधिक होगा, सोने की मात्रा उतनी ही अधिक होगी।

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